विधवा होने के लक्षण – विधवा स्त्री का जीवन – विधवा रेखा – हिंदू सनातन धर्म में स्त्रियों को देवी का स्वरूप माना जाता हैं. स्त्री की शादी हो जाने के बाद वह स्त्री सुहागन हो जाती हैं. अर्थात शादी करने के बाद अगर स्त्री का पति जीवित है. तो वह सुहागन कहलाती हैं. लेकिन सब स्त्री के भाग्य में पति का उम्र भर का साथ नहीं होता हैं. कुछ स्त्रियों के पति बीच रास्ते में ही अपनी पत्नी को अलविदा कहकर शांत हो जाते हैं. अर्थात जिस स्त्री का पति जीवित नहीं हैं. उस स्त्री को हमारे समाज में विधवा का दर्जा दे दिया जाता हैं.
कुछ समाज में तो स्त्रियां पति की मृत्यु के बाद अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए अन्य पुरुष के साथ शादी कर लेती हैं. लेकिन कुछ समाज में ऐसे रीती रिवाज होते है की एक बार स्त्री विधवा होने पर उसे सारी उम्र विधवा ही रहना पड़ता हैं. वह दूसरी शादी नहीं कर सकती हैं.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से विधवा होने के लक्षण तथा विधवा स्त्री का जीवन के बारे में बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
विधवा होने के लक्षण
एक विधवा स्त्री के कैसे लक्षण होते हैं. इसके बारे में थोड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हमने नीचे प्रदान की हैं.
- एक विधवा स्त्री को अपने जीवन में काफी सारे संघर्ष का सामना करना पड़ता हैं. पति की मृत्यु के बाद कुछ विधवा स्त्रियां दूसरी शादी करके अपने जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश करती हैं.
- कुछ विधवा स्त्रियां दूसरी शादी नहीं करके अपने जीवन में आने वाले संघर्ष का सामना करती हैं. और खुद अपने जीवन को सुधारने की कोशिश करती हैं.
- अगर किसी विधवा स्त्री के बच्चे भी है. तो वह अपना संपूर्ण जीवन उनके भविष्य के बारे में सोचकर निकाल लेती हैं.
- कुछ स्त्रियां पति की मृत्यु के बाद स्वतंत्र भी हो जाती हैं. क्योंकि उन्हें कोई कुछ कहने वाला नहीं होता हैं. तो वह अपनी मर्जी के हिसाब से अपना जीवन व्यतीत कर सकती हैं.
आदि प्रकार के लक्षण आपको एक विधवा स्त्री में देखने को मिल जाएगे. पति की मृत्यु के बाद स्त्री के विधवा होने पर स्त्री को अपना जीवन कैसे व्यतीत करना है. वह उसके स्वभाव और संस्कार पर भी निर्भर करता हैं. इसलिए एक विधवा स्त्री में विभिन्न प्रकार के लक्षण आपको देखने को मिल जाएगे.
विधवा स्त्री का जीवन
पति की मृत्यु के बाद एक विधवा स्त्री का जीवन संघर्षमय बन जाता हैं. उसके पति की जो जिम्मेदारी थी. वह सभी जिम्मेदारी उस पर आ जाती हैं. जैसे की घर परिवार और बच्चो को संभालने की जिम्मेदारी अब उसे उठानी पड़ती हैं.
इसके अलावा कुछ समाज में विधवा स्त्री को पति की मृत्यु के बाद सफ़ेद वस्त्र धारण करने पड़ते हैं. किसी भी प्रकार का श्रृंगार आदि करने की मनाई होती हैं. कुछ समाज में तो विधवा स्त्री को प्याज और लहसुन खाने की मनाई कर दी जाती हैं. अर्थात शोर्ट में कहा जाए तो पति की मृत्यु के बाद एक विधवा का पूरा जीवन मुश्किल भरा हो जाता हैं.
विधवा रेखा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारी हथेली में सबसे छोटी ऊँगली के नीचे विवाह रेखा मौजूद होती हैं. यह रेखा आगे जाकर अगर ह्रदय रेखा से मिलती हैं. या फिर इस रेखा पर कोई काला धब्बा मौजूद हैं. तो ऐसी रेखा जातक के लिए सही नहीं मानी जाती हैं. ऐसी रेखा होने पर स्त्री बहुत जल्दी विधवा हो सकती हैं. ऐसी रेखा को विधवा रेखा के नाम से जाना जाता हैं.
निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से विधवा होने के लक्षण तथा विधवा स्त्री का जीवन के बारे में बताया हैं. इसके आलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की है.
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दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह विधवा होने के लक्षण – विधवा स्त्री का जीवन – विधवा रेखा आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद