उच्च मंगल दोष क्या होता है / उच्च मंगल दोष और निम्न मंगल दोष में अंतर – जब किसी पुरुष या स्त्री की कुंडली में मंगल ग्रह प्रभावी रूप से होता हैं. वह स्त्री और पुरुष मांगलिक कहलाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के प्रथम. चतुर्थ, सप्तम तथा अष्टम भाव में अगर मंगल मौजूद हैं. तो जातक को मंगलदोष लगता हैं. मंगलदोष लगने पर जातक के जीवन में काफी सारी समस्या उत्पन्न होने लगती हैं.
जिसकी कुंडली में मंगलदोष होता हैं. उनके वैवाहिक जीवन काफी सारी बाधाएं आती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक को मंगलदोष लगा हैं. तो ऐसा जातक मंगलदोष वाले व्यक्ति के साथ ही विवाह करे. अगर आप मांगलिक हैं. और बीना मांगलिक व्यक्ति के साथ विवाह करते हैं. तो विवाह के बाद बहुत सारी समस्या आती हैं.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की उच्च मंगल दोष क्या होता है. इसके अलावा उच्च मंगल दोष और निम्न मंगल दोष में अंतर तथा उच्च मंगल दोष के लक्षण भी बताएगे.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
उच्च मंगल दोष क्या होता है
उच्च मंगलदोष मंगलदोष से भारी माना जाता हैं. अगर मंगल ग्रह किसी जातक की कुंडली में लग्न तथा चंद्र के 1, 4, 7, 8 या 12 वें भाव में मौजूद हैं. तो यह मंगलदोष उच्च मंगलदोष माना जाता हैं. उच्च मंगलदोष में व्यक्ति को अपने जीवन में काफी सारी कठिनाई का सामना करना पड सकता हैं. उच्च मंगलदोष सबसे भारी दोष माना जाता हैं.
उच्च मंगल दोष और निम्न मंगल दोष में अंतर
जैसे मंगल ग्रह किसी जातक की कुंडली में लग्न तथा चंद्र 1, 4, 7, 8 तथा 12 वें भाव में मौजूद हैं. तो यह उच्च मंगल दोष माना जाता हैं. इस दोष में मनुष्य के जीवन में काफी सारी कठिनाई आती हैं.
तथा मंगल ग्रह किसी जातक की कुंडली में लग्न तथा चंद्र के किसी भी एक भाव 1, 4, 7, 8 तथा 12 वें भाव में मौजूद हैं. तो यह दोष निम्न मंगल दोष कहलाता हैं. इस दोष को आंशिक मांगलिक दोष के नाम से भी जाना जाता हैं.
यह दोष किसी जातक को लगने से उसके जीवन में कठिनाई तो आती हैं. लेकिन कम कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं. और 27 वर्ष की आयु के बाद यह दोष अपने आप खत्म हो जाता हैं.
उच्च मंगल दोष के लक्षण
उच्च मंगल दोष के कुछ लक्षण हमने नीचे बताए हैं.
- उच्च मंगल दोष लगने से जातक गुस्से वाले स्वभाव का तथा अहंकारी हो जाता हैं.
- उच्च मंगल दोष लगने पर जातक के जीवन में विवाह संबंधी बाधा आने लगती हैं.
- उच्च मंगल दोष लगने पर जातक के जीवन दुख आने लगता हैं. पारिवारिक कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं.
- अगर किसी जातक के अष्टम भाव में मंगल मौजूद हैं. तो ऐसे व्यक्ति को ससुराल में दुख मिलता हैं. तथा वैवाहिक जीवन दुखमय और पारिवारिक झगड़े होने शुरू हो जाते हैं.
- अगर किसी व्यक्ति के 12 वें भाव में मंगल मौजूद हैं. तो उसकी शारीरिक क्षमता में कमी आती हैं. तथा रोग आदि होने लगते हैं.
- जिस जातक की कुंडली में उच्च मंगल दोष लगता हैं. वह लोग नकारात्मक सोचने लगते हैं. इस कारण वह अपने जीवन में सफलता हांसिल नहीं कर पाते हैं.
- इसलिए अगर किसी जातक की कुंडली में उच्च मंगल दोष है. तो जल्दी से जल्दी ज्योतिष से पूछकर उच्च मंगल दोष निवारण के उपाय करने चाहिए.
मंगल दोष के प्रकार
मंगलदोष के प्रकार निम्नलिखित है:
- सामान्य मंगल दोष
- द्रीबल मंगल दोष
- त्रिबल मंगल दोष
मंगल दोष निवारण के कुछ उपाय
- मंगल दोष निवारण के लिए हनुमानजी तथा भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.
- ज्योतिष को पूछकर मंगल का ग्रह पहनना चाहिए.
- लाल वस्त्र, तांबा, फुल, सोना, गेहूं, चंदन आदि का दान करना चाहिए.
- मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करे.
- अपने घर में मंगल यंत्र की स्थापना करे. और रोजाना पूजा करे.
निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की उच्च मंगल दोष क्या होता है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य जानकारी भी प्रदान की हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह उच्च मंगल दोष क्या होता है / उच्च मंगल दोष और निम्न मंगल दोष में अंतर आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
तलाक होगा मेरा
Hello Pankaj, aapko aisa kyu lag rha h, sab accha hi hoga