स्वयं सहायता समूह के लाभ तथा नियम | स्वयं सहायता समूह की जानकारी

स्वयं सहायता समूह के लाभ तथा नियम | स्वयं सहायता समूह की जानकारी – स्वयं सहायता समूह के बारे में काफी कम लोग जानते होगे. स्वयं सहायता समूह को अंग्रेजी में SHG (Self help group) के नाम से जाना जाता हैं. यह एक समान आय वर्ग का समूह होता हैं. जो एक विशेष हेतु को पूरा करने के लिए बनाया जाता हैं.

इसमें-छोटे-छोटे 10 से 20 सदस्यों के समूह बनाए जाते हैं. जो एकदूसरे की समूह की सहायता करते हैं. अगर आप स्वयं सहायता समूह के बारे में संपूर्ण जानकारी चाहते है. तो हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़े.

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दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से स्वयं सहायता समूह के लाभ बताने वाले हैं. इसके अलाव स्वयं सहायता समूह की जानकारी प्रदान करने वाले हैं.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

स्वयं सहायता समूह के लाभ

स्वयं सहायता समूह के कुछ लाभ निम्नलिखित है:

  • एक समूह दुसरे समूह की परस्पर समुदायिक सहायता करता है.
  • बिना किसी जमानत के ऋण की प्राप्ति हो जाती हैं.
  • इसमें सदस्यों को कार्य कार्य चुनने की स्वतंत्रता मिलती हैं.
  • लघु कुटीर उद्योग और छोटे उघोग को बढ़ावा देना.
  • स्वरोजगार हेतु आसानी से प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जाता हैं.
  • ऋण की आकस्मिक आवश्यकता होने पर तुरंत उपलब्ध करवाया जाता हैं.

स्वयं सहायता समूह की जानकारी / स्वयं सहायता समूह योजना क्या है

यह दस से बीस सदस्यों का समान आय वाला समूह होता हैं. इस समूह के सभी सदस्य गरीब और छोटे व्यवसाय से जुड़े हुए होते हैं. यह गरीब और छोटे व्यवसाय के लोग अपनी आमदनी से कुछ हिस्सा बचत करते हैं. अब जो दस से बीस सदस्यों का समूह बनाया गया हैं. उस समूह में अपनी बचत राशि जमा करवाई जाती हैं.

अब जिस सदस्य को आकस्मिक राशि की जरूरत होती है. उन्हें एक साथ इक्कठी राशि दी जाती हैं. इस राशि पर समूह के सदस्य कुछ ब्याजदर और शर्ते रखते हैं. इस समूह के सभी सदस्य को प्रति माह राशि जमा करवानी पडती हैं.

इस तरीके से जिस सदस्य को अधिक राशि की जरूरत है. उन्हें इक्कठी राशि दे दी जाती हैं. जिससे वह अपना छोटा-मोटा खर्चा निकाल सके. जिस सदस्य ने इक्कठी राशि ली है. वह भी प्रति माह ब्याज सहित राशि लौटाते हैं. इस तरीके से यह स्वयं सहायता समूह कार्य करता हैं.

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स्वयं सहायता समूह के नियम

स्वयं सहायता समूह के कुछ नियम निम्नलिखित है:

  • इस समूह में कम से कम 10 से 20 सदस्यों होने जरूरी हैं.
  • समूह कम से कम 6 महीने संचालित होना जरूरी हैं.
  • समूह के प्रत्येक सदस्य को प्रति माह अपनी बचत में से राशि जमा करवानी पड़ती हैं.
  • समूह से इक्कठी हुई राशि पर ऋण देना आवश्यक हैं.
  • सदस्यों के द्वारा दी जा रही राशि का विवरण एक रजिस्टर में दर्ज करना जरूरी हैं.
  • किसी सदस्य को राशि देने पर उसका पूरा विवरण रजिस्टर में दर्ज करना चाहिए.
  • यह समूह एक दुसरे की मदद हेतु तथा स्वरोजगार के उदेश्य से बनाया जाता हैं.

स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष का क्या काम होता है

स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष का कार्य समूह का अच्छे तरीके से संचालन करना होता हैं. जिसमे वह सदस्य के द्वारा दी गई राशि अपने पास रखकर उसका हिसाब रखते हैं. किसी सदस्य को ऋण पर दी गई राशि का ध्यान रखना, उनको दी गई राशि प्रतिमाह ऋण सहित लेना, समूह में सम्मिलित सभी सदस्यों के पास से प्रतिमाह नियम अनुसार राशि लेना आदि कार्य होते हैं.

स्वयं सहायता समूह का मुख्य हेतु क्या है

इस समूह में छोटे व्यवसाय वाले तथा गरीब लोगो को शामिल किया जाता हैं. जो अपनी आमदनी में से कुछ बचत कर सके. और यह बचत राशि समूह में जमा करवा सके. जब यह राशि इकट्ठी हो जाती है. तो समूह के सदस्य को लौटा दी जाती हैं. जिससे वह बचत करके एक बड़ी संख्या में राशि ले सकते हैं. इससे वह अपना कोई बड़ा खर्चा निकाल सकते हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से स्वयं सहायता समूह के लाभ तथा नियम बताए हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह स्वयं सहायता समूह के लाभ तथा नियम / स्वयं सहायता समूह योजना क्या है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

 

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