सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने का नियम और लाभ

सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने का नियम और लाभ – इस कलयुग के समय में बजरंगबली को ही एक जाग्रत देवता के रूप में माना जाता हैं. ऐसा माना जाता है की बजरंगबली को सच्चे मन से याद करने से और उनकी पूजा अर्चना करने से हमें ढेर सारे लाभ होते हैं.

लेकिन आज के समय में बजरंगबली का सुंदरकांड का पाठ करना सबसे अच्छा माना जाता हैं. बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए सुंदरकांड का पाठ करना एक सरल और सटीक माध्यम है.

हम में से काफी लोग सुंदरकांड का पाठ तो करती ही होगे. लेकिन 21 दिन तक लगातार सुंदरकांड का पाठ करने से हमे विशेष फल की प्राप्ति होती हैं. इसलिए आज हम आपको लगातार 21 दिन तक सुंदरकांड का पाठ करने के लाभ और नियम बताने वाले हैं.

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दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने का नियम और लाभ बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त करने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने का नियम और लाभ

सुंदरकांड का लगातार 21 दिन तक पाठ करने के लाभ

सुंदरकांड का लगातार 21 दिन तक पाठ करने के कुछ मुख्य लाभ के बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं.

  • अगर आपके जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या हैं. आपको जीवन में बार बार संकट का सामना करना पड़ रहा हैं. तो आपको बजरंगबली के सामने लगातार 21 दिन तक सुंदरकांड का पाठ करने का संकल्प करना चाहिए.
  • संकल्प करने के बाद आपको लगातार 21 दिन तक सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. बीच में एक दिन भी गलती से सुंदरकांड का पाठ छुट ना जाए. इस बात का विशेष ध्यान रखे.
  • अगर आप लगातार 21 दिन सुंदरकांड का पाठ नही कर पाते हैं. और किसी कारणवश बीच में एक भी दिन सुंदरकांड का पाठ छुट जाता हैं. तो इस स्थिति में आपको दुबारा लगातार 21 दिन का पाठ करना होगा.
  • लगातार 21 दिन सुंदरकांड का पाठ पूर्ण करने के पश्चात आपको हर समस्या और संकट से मुक्ति मिल सकती हैं.
  • लगातार 21 दिन तक सुंदरकांड का पाठ करने से आपकी एक दो नहीं बल्कि सैंकड़ो समस्या का निवारण होता हैं.
  • अगर आपको व्यापार और नौकरी में उन्नति नही मिल रही हैं. तो ऐसे में आपको लगातार 21 दिन तक सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. इससे आपके व्यापार और नौकरी में तरक्की देखने को मिलती हैं.
  • लगातार 21 दिन तक सुंदरकांड का पाठ करने से आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती हैं. और इससे हनुमानजी जल्द प्रसन्न होते हैं.
  • लगातार 21 दिन तक सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन में खुशियां आती हैं. और सुख की प्राप्ति होती हैं.
  • अगर आपको संतान से जुडी कोई परेशानी हैं. या फिर आपके बच्चे आपके कहने में नही हैं. आपको संतान सुख की प्राप्ति नही हो रही हैं. तो ऐसे में आपको संकल्प लेकर सुंदरकांड का पाठ लगातार 21 दिन तक करना चाहिए. इससे आपकी संतान से जुडी हर समस्या का निराकरण होगा.
  • सुंदरकांड का पाठ लगातार 21 दिन तक करने से आपको आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती हैं, साथ साथ आपको कर्ज से भी छुटकारा मिलता हैं.

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सुंदरकांड का लगातार 21 दिन तक पाठ करने के नियम

अगर आप सुंदरकांड का लगातार 21 दिन तक पाठ करने का संकल्प लेते हैं. तो इसके नियम भी अलग हैं. सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने के कुछ नियम हमने नीचे बताये हैं.

  • अगर आप सुंदरकांड का पाठ 21 दिन करने का संकल्प लेते हैं. तो आपको संकल्प लेने के बाद पीछे हट नही करनी हैं.
  • सुंदरकांड का लगातार 21 दिन संकल्प लेने के बाद जब आप सुंदरकांड का पाठ करते हैं. तो आप अपनी इच्छा अनुसार प्रत्येक दिन11, 21, 31 या 41 बार सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं.
  • आप किसी भी वार से सुंदरकांड का पाठ करने की शुरुआत कर सकते हैं. लेकिन शनिवार या मंगलवार के दिन से पाठ करने की शुरुआत करते हैं. तो यह आपके के लिए और अच्छा साबित हो सकता हैं.
  • सुंदरकांड का पाठ करने से पहले स्नान आदि करके स्वच्छ हो जाए. इसके बाद स्वयं स्वच्छ आसन बिछाकर बैठ जाए. इसके बाद हनुमानजी की प्रतिमा अपने समक्ष किसी बाजोट पर स्थापित करे.
  • इसके बाद हनुमानजी को शुद्ध घी का दीपक जलाए. और सात पीपल के पत्तो को उनकी चरणों में अर्पित करे.
  • इतना हो जाने के पश्चात सुंदरकांड का पाठ करने की शुरुआत करे.
  • सुंदरकांड का पाठ पूर्ण हो जाने के पश्चात हनुमानजी को लड्डू या चूरमे का भोग लगाये. इसके अलावा आप अपनी इच्छा अनुसार घर का बना सात्विक प्रसाद भी भोग में लगा सकते हैं.
  • इसके बाद सात पीपल के पत्तो को माली बनाकर आपके आसपास के हनुमानजी के मंदिर में उनको अर्पित कर ले.
  • यह प्रक्रिया आपको लगातार 21 दिन तक करनी हैं. बीच में एक भी दिन की त्रुटी ना हो इसका विशेष ध्यान रखे.
  • जब सुंदरकांड का पाठ करते हुए 21 दिन पूर्ण हो जाए तो उसी दिन एक छोटा सा हवन करवा ले.

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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

सुंदरकांड के कितने पाठ करने चाहिए?

वैसे अगर धार्मिक मान्यता के अनुसार सुंदरकांड के 11, 21, 31 या 41 पाठ करने चाहिए. अगर आपके पास समय नही हैं. तो आप चौपाई का पाठ भी कर सकते हैं.

सुंदरकांड में कितना खर्च आता है?

सुंदरकांड करने में कोई खर्चा नही होता हैं. यह नि:शुल्क ही होता हैं. आप स्वयं भी सुंदरकांड का पाठ ऊपर बताए गए नियमानुसार कर सकते हैं.

सुंदरकांड पढने का सही समय क्या है?

सुंदरकांड पढने का सही समय सुबह के 4 से 6 का माना जाता हैं. इसके अलावा शाम को 7 बजे के पश्चात भी किया जा सकता हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने का नियम और लाभ बताए है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा सुंदरकांड का लगातार 21 दिन पाठ करने का नियम और लाभ आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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Shailesh Nagar

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