सतयुग का अंत कैसे हुआ – सतयुग के राजा कौन थे – हिंदू मान्यता के अनुसार कुल चार युग बताए गए हैं. सतयुग, त्रेता युग, द्रापर युग और कलियुग. इन चार युग के बारे में हमारे प्राचीन शास्त्रों में भी बताया गया हैं. आज के वर्तमान समय में अभी कलियुग चल रहा हैं. सतयुग, त्रेता युग और द्रापर युग खत्म हो चुके हैं.
इन चारो युग को लेकर कुछ पुरानी मान्यताएं भी हैं. जिसके बारे में हम इस आर्टिकल में चर्चा करेगे. इसके अलावा सतयुग के अंत के बारे में भी आपको विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगे.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की सतयुग का अंत कैसे हुआ. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
सतयुग का अंत कैसे हुआ
वैसे तो सतयुग के अंत के बारे में काफी सारे मतभेद हैं. लेकिन ऐसा माना जाता है की जब भगवान श्री राम ने राजा जनक के महल में भगवान रूद्र के धनुष को तोडा था. उस समय तुरंत बाद सतयुग का अंत हुआ था. और त्रेता युग का आरंभ हुआ था.
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सतयुग के राजा कौन थे
सतयुग के राजा के बारे में मतभेद हैं. लेकिन ऐसा माना जाता है की भगवान श्री राम के वंशज राजा हरीशचन्द्र की कहानी सतयुग से ही जुडी हुई हैं. श्री राम के वंशज राजा हरीशचन्द्र का जन्म सतयुग में ही हुआ था.
इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है की भगवान विष्णु का अवतार भी सतयुग में ही हुआ था. सतयुग में भगवान विष्णु ने वराह अवतार, कुर्म अवतार, मत्स्य अवतार और नृसिंह अवतार शामिल हैं. भगवान विष्णु ने यह सभी अवतार लेकर सतयुग का कल्याण किया था.
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सतयुग के बाद त्रेता क्यों आया
जब सतयुग चल रहा था तब मुख्य चार स्तंभ थे. सत्यता, पवित्रता, तपस्या और दयालुता. इसके बाद जब सतयुग में सत्यता का स्तंभ गायब हो गया. इसके बाद सिर्फ तीन स्तंभ ही रह गए. पवित्रता, तपस्या और दयालुता.
सतयुग के बाद सिर्फ यह तीन स्तंभ रह गए. इसलिए इस युग को त्रेता युग नाम दिया गया. इस प्रकार से सत्यता का एक स्तंभ गायब होने के बाद तीन स्तंभ रहने के पश्चात त्रेता युग आता हैं.
सतयुग के पहले क्या था
सतयुग के पहले क्या था. इसके बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं हैं. क्योकि ऐसा माना जाता है की चारो युगों में सबसे पहले सतयुग का ही आरंभ हुआ था.
कुछ मान्यता के अनुसार जानकारी प्राप्त होती है की सतयुग से पहले कुछ भी नहीं था. सतयुग से पहले सिर्फ चारो तरफ अंधकार ही अंधकार था. सतयुग से पहले ना ही किसी प्रकार की रौशनी थी. और ना ही सूर्य और चंद्र थे.
सबसे पहले सतयुग का प्रारंभ हुआ था. इसके बाद त्रेता युग, द्रापर युग और कलियुग का आरंभ हुआ था. अभी के समय में कलियुग चल रहा हैं. बाकी के तीन युग सतयुग, द्रापर युग और त्रेता युग खत्म हो चुके हैं.
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सतयुग से जुडी कुछ रोचक बातें
सतयुग से जुड़े कुछ रोचक तथ्य हमने नीचे बताए हैं.
- ऐसा माना जाता है की सतयुग 17 लाख वर्ष तक रहा था.
- ऐसा माना जाता है की सतयुग में पाप बिलकुल ना के बराबर था. सतयुग में धरती पर पाप नहीं था.
- सतयुग का युग तप, सत्य, पवित्रता और दान का युग था.
- ऐसा माना जाता है की सतयुग का प्रारंभ अक्षय तृतीया के पर्व से हुआ था.
- ऐसा भी माना जाता है की सतयुग में लोगो की उम्र काफी लंबी हुआ करती थी.
- इस युग में लोग तप और ध्यान अधिक करते थे.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की सतयुग का अंत कैसे हुआ. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.
हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह सतयुग का अंत कैसे हुआ – सतयुग के राजा कौन थे आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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