संतरे में फूल आने की दवा कौन सी है / संतरे में लगने वाले रोग – संतरा हमारी सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता हैं. क्योंकि संतरा विटामिन सी से भरपूर होता हैं. ऐसा माना जाता है की आम के बाद अगर किसी फल की डिमांड हैं. तो वह संतरे की हैं. इसलिए इसकी खेती भी अधिक पैमाने पर की जाती हैं. लेकिन कई बार हम देखते है की संतरे में फुल आने की समस्या काफी अधिक रहती हैं.
कई बार अच्छे तरीके से खेती करने के बाद भी संतरे में फुल नही आते हैं. इसलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से संतरे में फुल आने की दवा के बारे में बताने वाले हैं. इसलिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से संतरे में फूल आने की दवा बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
संतरे में फूल आने की दवा
संतरे में फुल आने के लिए आप पेक्लोब्युट्राजाल नामक दवा का उपयोग कर सकते हैं. यह दवाई संतरे में फुल लाने के लिए बेहतरीन मानी जाती हैं. ऐसा माना जाता है की इस दवाई पर कुछ परिक्षण भी किए गए हैं. जिसमें सफलता मिली हैं. इस दवाई के परिक्षण के बाद पाया गया है की संतरे में फुल लगते हैं.
इसलिए काफी किसान भाई संतरे में फुल लाने के लिए इस दवाई का प्रयोग करते हैं. ऐसा भी माना जाता है की इस दवाई के प्रयोग से संतरे की पैदावार भी अच्छी होती हैं. इसलिए अगर आप संतरे में फुल आने के लिए किसी दवाई की तलाश में हैं. तो आप पेक्लोब्युट्राजाल दवाई का प्रयोग कर सकते हैं.
पशुओं के घाव में कीड़े पड़ने की दवा, अंग्रेजी दवा तथा घरेलू दवा
संतरे में लगने वाले रोग
संतरे में लगने वाले कुछ मुख्य रोग और उसके रोकथाम का तरीका हमने नीचे बताया हैं.
संतरे में लगने वाला कैंकर रोग
कैंकर रोग संतरे में लगने वाला मुख्य रोग माना जाता हैं. इस रोग को टहनी मार रोग के नाम से भी जाना जाता हैं. यह रोग जब संतरे में पौधों का विकास होता हैं. उस समय कैंकर रोग होना शुरू हो जाता हैं. संतरे में यह रोग लगने पर फलों के ऊपर काले रंग के धब्बे दिखाई देते हैं.
संतरे को इस रोग से बचाने के लिए रोग ग्रस्त शाखा को पहले से काट कर हटा देना चाहिए. इसके बाद मैंकोजेब का का छिडकाव करना चाहिए.
भांग छोड़ने के बाद के लक्षण – भांग छोड़ने के उपाय
संतरे में लगने वाला मेलानोज रोग
संतरे के फल पर मेलानोज रोग का प्रभाव फफूंदी की वजह से दिखाई देता हैं. जब फल पकने लगते हैं. इसके बाद यह रोग फल और पत्तियों पर दिखाई देता हैं. फल और पत्तियों पर आपको काले और भूरे रंग के दाग धब्बे दिखाई दे सकते हैं. संतरे में यह रोग लगने पर कई बार संतरे की पत्तियां सुखकर नीचे गिर जाती हैं.
संतरे को इस रोग से बचाने के लिए जैसे ही आपको पत्तियों पर काले धब्बे दिखने लगे. मैंकोजेब का छिडकाव करना शुरू कर दे. इससे रोग आगे बढ़ने से रुक जाता हैं. और संतरे का नुकसान होने से बचाता हैं.
संतरे में लगने वाला गोंदिया रोग
संतरे में लगने वाला गोंदिया रोग फफूंदी की वजह से लगता हैं. इस रोग में संतरे की पत्तियों पर पानी से भरे गहरे रंग के दाग धब्बे लग जाते हैं. अगर शुरुआत में इस रोग का इलाज ना किया जाए तो यह संतरे की पूरी खेती बिगाड़ सकता हैं. इसलिए यह रोग होने पर शुरुआत में ही ध्यान देना चाहिए.
जैसे ही आपको संतरे पर गोंदिया रोग दिखाई देता हैं. संतरे के पौधों की जड़ में रिडोमिल का छिडकाव करना शुरू कर दे. और जो पौधे रोगग्रस्त हुए हैं. उन्हें काटकर हटा दे. ऐसा करने से संतरे गोंदिया रोग से बचे रहेगे.
अजवाइन कब खाना चाहिए / अजवाइन खाने का तरीका
निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से संतरे में फूल आने की दवा बताई है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.
हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह संतरे में फूल आने की दवा कौन सी है / संतरे में लगने वाले रोग आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
हाथ के नाख़ून पर सफ़ेद निशान का मतलब होता है
बच्चों के दांत जल्दी कैसे निकाले – बच्चों के दांत कब निकलना शुरू होते हैं
2 दिन के लिए घूमने की जगह खोजो ऐसे
Kaha milegi ye dava
Hello Omprakash, kisi bhi najdiki medical shop me try kre, dhanywad
दवा का फोटो 9977254982 पर WhatsApp करे कृपया