पुत्र होने वाले तिल शरीर में कहा होते है – सम्पूर्ण जानकारी

पुत्र होने वाले तिल शरीर में कहा होते है सम्पूर्ण जानकारी – मनुष्य के शरीर पर तिल होना एक सामान्य बात हैं. मनुष्य के शरीर पर तिल का होना प्रकृति की संरचना हैं. प्रकृति के द्वारा मनुष्य के शरीर पर गोदे गए तिल सुंदर और शुभ संकेत भी देते हैं. यह तिल मनुष्य के भविष्य के साथ जुड़े हुए होते हैं. शरीर पर तिल होना हमे हमारे भविष्य के बारे में कुछ ना कुछ संकेत देते हैं.

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इसलिए तो कुछ तिल हमारे शरीर पर अपने आप उभरकर आते हैं. वैसे तो शरीर के अलग अलग अंगो पर मौजूद तिल हमे अलग अलग संकेत देते हैं. लेकिन आज हम पुत्र होने वाले तिल के बारे में बताने वाले हैं. यह महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की पुत्र होने वाले तिल शरीर में कहा होते है तथा कुंडली में पुत्र योग कैसे देखे. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगे.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

पुत्र होने वाले तिल शरीर में कहा होते है

काफी लोगो का यह सवाल होता है. की पुत्र होने वाले तिल शरीर में कहा होते है. तो हम आपको बता रहे है. की अगर महिला की छाती पर तिल मौजूद हैं. तो यह पुत्र होने वाला तिल माना जाता हैं.

कुंडली में पुत्र प्राप्ति के योग

कुंडली में पुत्र प्राप्ति के कुछ योग हमने नीचे बताए हैं.

  • जिस जातक की कुंडली में गुरु के अष्टक वर्ग में तथा गुरु ग्रह से पांचवे भाव में पुरुष गृह बिंदु देता हैं. तो यह योग पुत्र प्राप्ति का योग बनता हैं. कुंडली में ऐसे योग से पुत्र की प्राप्ति होती हैं.
  • अगर किसी जातक की कुंडली में पुरुष और स्त्री दोनों ही योग कारक होते हैं. तो उन्हें पुत्र तथा पुत्री दोनों की प्राप्ति होती हैं. अर्थात ऐसे जातक को पुत्र तथा पुत्री दोनों का सुख मिलता हैं.
  • जिस जातक की कुंडली में बुध और शनि योग कारक का निर्माण करके विषम राशि में प्रवेश होते हैं. तो ऐसे जातक को पुत्र की प्राप्ति होती हैं.

कुंडली में पुत्र योग कैसे देखे?

कुंडली में पुत्र योग देखने के कुछ तरीके हमने नीचे बताए हैं

  • अगर किसी जातक की कुंडली में पुरुष ग्रह गुरु, शुक्र तथा बुध मौजूद है. तो यह पुत्र योग कहलाता हैं.
  • यदि कुंडली में पंचमेश 6, 8, तथा 12 भाव में मौजूद है. तो यह ऐसे संयोग को पुत्र योग कहते हैं.

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कुंडली में पुत्र योग कब बनता है?

कुंडली में पुत्र योग देखने के कुछ तरीके हमने नीचे बताए हैं

  • पंचमेश, गुरु तथा पंचम को शुभ ग्रह के द्वारा देखा जा रहा हैं. तो ऐसे जातक को अवश्य पुत्र की प्राप्ति होती हैं.
  • पंचम भाव में अगर बली गुरु मौजूद हैं. तथा लग्नेश से दृष्ट है. तो यह योग पुत्र प्राप्ति का संकेत देता हैं.
  • अगर जातक की कुंडली में लग्नेश तथा पंचमेश एक साथ मौजूद हैं. या फिर एक दुसरे से परस्पर दिख रहे हैं. तो कुंडली का यह योग पुत्र योग कहलाता हैं.
  • अगर किसी जातक की कुंडली में पंचम स्थान पर सूर्य मौजूद हैं. और मंगल से दष्ट हैं. तो कुंडली का यह योग पुत्र योग कहलाता हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की पुत्र होने वाले तिल शरीर में कहा होते है तथा कुंडली में पुत्र योग कैसे देखे. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी अन्य लोगो तक भी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह पुत्र होने वाले तिल शरीर में कहा होते है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

Shailesh Nagar

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