पीरियड के तीसरे दिन / पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं – सम्पूर्ण जानकारी

पीरियड के तीसरे दिन / पांचवें दिन पूजा कर सकते हैंसम्पूर्ण जानकारी – महिलाओं में पीरियड आना एक आम बात हैं. महिलाएं हर महीने इस समस्या से गुजरती हैं. लेकिन हमारे हिंदू सनातन धर्म में पीरियड के दौरान महिलाओं को पूजा-पाठ तथा धार्मिंक अनुष्ठान से दूर रखा जाता हैं. अर्थात पीरियड होने के बाद कुछ दिन पूजा-पाठ करना वर्जित माना जाता हैं.

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अगर महिला के द्वारा पीरियड के बाद पूजा-पाठ की वस्तु को हाथ भी लगाया जाए. तो अशुभ माना जाता हैं. लेकिन काफी महिलाओं को इस बारे में पता नहीं होता हैं. की पीरियड के कितने दिन बाद पूजा करनी चाहिए. यह जानकारी पाने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की पीरियड के तीसरे दिन पूजा कर सकते हैं तथा पीरियड के पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान करेगे.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

पीरियड के तीसरे दिन पूजा कर सकते हैं

जी नहीं, पीरियड के तीसरे दिन पूजा नहीं करनी चाहिए. हिंदू सनातन धर्म में पीरियड के तीसरे दिन पूजा करना वर्जित माना गया हैं.

पीरियड के पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं

जी हां, आप चाहे तो पीरियड के पांचवे दिन पूजा में सम्मलित हो सकती हैं. लेकिन देवी-देवताओं के लिए भोग आदि नहीं बना सकते हैं. पीरियड के पांचवे दिन महिला सिर्फ पूजा में सम्मलित हो सकती हैं. वह पूजा के किसी भी सामान को स्पर्श भी नहीं कर सकती हैं.

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माहवारी के कितने दिन बाद पूजा करना चाहिए

माहवारी के पांच दिन बाद महिलाएं पूजा कर सकती हैं.

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पीरियड में पूजा करने से क्या होता है

पुराने समय में जब भी कोई पूजा-पाठ तथा धार्मिक अनुष्ठान आदि होता था . तब बीना मंत्र के कोई भी पूजा-पाठ खत्म नहीं होता था. पूजा में मंत्र का उच्चारण करना पड़ता हैं. जिसमें व्यक्ति की ऊर्जा का व्यय होता था.

जब भी कोई महिला पीरियड से गुजरती है. तो उस दौरान उनका शरीर थक जाता था. इसलिए पुराने समय में पूजा के दौरान किसी भी महिला को दूर रखा जाता था. क्योंकि अगर महिला मंत्र का उच्चारण करेगी तो उसका शरीर और थक जाएगा. यह परंपरा प्राचीन समय से अभी तक चली आ रही हैं.

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लेकिन आज के समय में घर में पूजा के दौरान ऐसे कुछ मंत्र उच्चारण नहीं किए जाते हैं. इसलिए अगर महिलाएं चाहे तो पूजा पाठ आदि कर सकती हैं. लेकिन प्राचीन धार्मिक मान्यता है. इसलिए सभी महिलाएं इसका पालन करती हैं. लेकिन वैज्ञानिक दृष्टी से देखा जाए. तो पीरियड में पूजा करने से कुछ भी नहीं होता हैं. यह सिर्फ मान्यता है जो पुराने समय से चली आ रही हैं. और इसके पीछे का कारण भी हमने आपको बता दिया हैं.

अगर कोई महिला चाहे तो पीरियड में भी पूजा-पाठ आदि कर सकती हैं. इससे कोई नुकसान नहीं होता हैं. लेकिन धार्मिक मान्यता है. इसलिए इसका पालन करना भी महिलाओं के लिए अच्छी बात हैं.

पीरियड के कितने दिन बाद मंदिर में जाना चाहिए

पीरियड के पांच दिन बाद आप मंदिर जा सकते हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की पीरियड के तीसरे दिन पूजा कर सकते हैं तथा पीरियड के पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान की है.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ है. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी सभी लोगो तक पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह पीरियड के तीसरे दिन पूजा कर सकते हैं / पीरियड में पूजा करने से क्या होता है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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