लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली में अंतर क्या है – चंद्र कुंडली से क्या देखा जाता है – ज्योतिष के द्वारा शादी विवाह से पहले हमेशा ही लग्न कुंडली या चन्द्र कुंडली देखि जाती हैं. यह सभी कुंडली को देखना जरूरी होता हैं. क्योंकि अगर इनमें से कोई भी कुंडली में दोष उत्पन्न होता हैं. तो ऐसे शादी विवाह पर रोक लगा दी जाती हैं. या फिर कुछ ना कुछ उपाय करके दोष को दूर करके शादी विवाह करने के लिए मंजूरी दी जाती हैं.
लेकिन काफी लोगो को लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली के बीच का अंतर पता नही होता हैं. अगर आपको भी लग्न और चन्द्र कुंडली के बीच का अंतर नही पता हैं. तो आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली में अंतर बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली में अंतर
लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली में ज्यादा कुछ अंतर नही होता हैं. वैसे अगर देखा जाए तो लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली दोनों ही महत्वपूर्ण कुंडली मानी जाती हैं. लेकिन सभी वर्गो में लग्न कुंडली सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. यानी की अगर चंद्र कुंडली ना देखि जाए तो एक बार चलता हैं.
लेकिन लग्न कुंडली को देखना जरूरी होता हैं. इसलिए देखा जाए तो लग्न कुंडली चंद्र कुंडली से अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती हैं.
लेकिन कुछ परिस्थिति में चंद्र कुंडली को भी देखना जरूरी होता हैं. दशा की गढ़ना चंद्र से की जाती हैं. इसलिए दशा की गढ़ना करने के लिए चंद्र कुंडली देखना जरुरी होता हैं. लग्न कुंडली के माध्यम से दशा की गढ़ना नही की जा सकती है. तो ऐसी स्थिति में चंद्र कुंडली लग्न कुंडली से अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली दोनों ही बलि माने जाते हैं. लेकिन लग्न कुंडली के आधार पर ही चंद्र कुंडली को बनाया जाता हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लग्न कुंडली आपके व्यक्तित्व यानी की शरीर को दर्शाती हैं. जबकि चंद्र कुंडली आपके मन को दर्शाती हैं.
तो कुछ इस प्रकार से आप लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली के बीच के अंतर को समझ सकते हैं.
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लग्न कुंडली और नवमांश कुंडली में अंतर
लग्न कुंडली और नवमांश कुंडली का अंतर हमने नीचे बताया हैं.
लग्न कुंडली | नवमांश कुंडली |
लग्न कुंडली को बीज रूप में देखा जाते हैं. | नवमांश कुंडली को फल के रूप में देखा जाता हैं. |
लग्न कुंडली में 12 राशियां होती हैं. और हर एक राशि में 30 डिग्री होती है. | नवमांश कुंडली में 9 अंश होते हैं. यह ग्रह की स्थिति 3.20 डिग्री हिस्से को बताती है. |
लग्न कुंडली को देखना जरूरी होता हैं. | जबकि नवमांश को कुंडली को एक बार ना भी देखा जाए तो इतना कोई जरूरी नही है. |
चंद्र कुंडली से क्या देखा जाता है
चंद्र को हमारे मन का कारक माना जाता हैं. अगर हमारे मन को देखना हैं. तो चंद्र कुंडली ऐसे समय में उपयोगी होती हैं. यह हमारे मन को दर्शाती हैं. हमारे मन की स्थिति को देखने के लिए चंद्र कुंडली देखि जाती हैं. चंद्र कुंडली से मन को देखने के बाद पता चलता है की आपका मन सुखी है या बेचैन हैं. अगर हमारा मन शांत स्थित में होगा. तो यह सुखी होगा. लेकिन हमारा अशांत अवस्था में होगा. तो यह हमारे लिए बेचैन होगा.
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लग्न कुंडली क्या होती है
व्यक्ति के जन्म के समय जो राशि उदित होती हैं. उसके कोण को लग्न कहा जाता हैं. जन्म कुंडली के अंदर कुल 12 भाव मौजूद होते हैं. इसमें से प्रथम भाव को लग्न के कहते हैं. यही लग्न कुंडली होती हैं.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली में अंतर बताया है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.
हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली में अंतर क्या है – चंद्र कुंडली से क्या देखा जाता है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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