कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार / कर्मों की सजा कैसे मिलती है

कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार / कर्मों की सजा कैसे मिलती है – हम सभी लोग यह तो जानते ही है. की जैसा कर्म करेगे वैसे फल की प्राप्ति होगी. हमारे पुराने प्राचीन ग्रंथो में भी कर्मो के बारे में काफी बाते बताई गई हैं. जो मनुष्य अच्छा कर्म करता हैं. उसे अच्छे फल की प्राप्ति होती हैं. तथा ऐसा मनुष्य सुख भोगता हैं. और जो मनुष्य बुरे कर्म करता हैं. उसे बुरे फल की प्राप्ति होती हैं. तथा ऐसा मनुष्य दुख भोगता हैं.

Karmo-ka-phal-kaise-milta-h-geeta-sar-ki-saja-sabse-bda-pap (2)

इसलिए मनुष्य को बुरे कर्म को छोड़कर अच्छे कर्म करने की सलाह गरुड़ पुराण तथा गीता सार में भी दी गई हैं. मनुष्य को अच्छे फल की प्राप्ति के लिए धर्म के मार्ग पर चलकर अच्छे कर्म करने चाहिए. नहीं तो कर्मो की सजा मिल सकती हैं. यह कर्मो की सजा तथा फल कैसे मिलते हैं. यह जानने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार के अनुसार बताने वाले हैं. इसके अलावा यह भी बताने वाले है की किस कर्म से कौन सी बीमारी होती है तथा गीता के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार / कर्मों की सजा कैसे मिलती है

गीता सार के अनुसार मनुष्य को कर्मो की सजा का फल कैसा मिलता हैं. इसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं.

  • जो व्यक्ति अभी के वर्तमान के समय में किसी अन्य व्यक्ति के पैसे लुटता हैं. तथा चोरी आदि करता हैं. ऐसे व्यक्ति को गीता सार के अनुसार भयंकर दंडित किया जाता हैं. ऐसा माना जाता है की यमदूत ऐसे व्यक्ति को नर्क में ले जाकर इतना पिटते हैं. की व्यक्ति बेहोश हो जाता हैं. और होश में आने पर फिर से पीटा जाता हैं.
  • जो व्यक्ति स्वार्थ के खातिर निर्दोष व्यक्ति की हत्या करते हैं. ऐसे लोगो को नर्क में ले जाकर गर्म तेल में डुबोकर तला जाता हैं.
  • जो पति-पत्नी अपने स्वार्थ के खातिर एक दुसरे के साथ रहते हैं. जब तक पैसे है एक दुसरे के साथ रहते हैं. और पैसे नहीं होने पर साथ छोड़ देते हैं. ऐसे व्यक्ति को गर्म तवे की रोड पर सुलाकर पीटा जाता हैं.
  • जो लोग दुसरो के पैसे हडप लेते हैं. उनको सांप से भरे कुएं में डाला जाता हैं.
  • जो लोग जानवर तथा मांसाहार का सेवन करते हैं. उनको नर्क में ले जाकर जानवरों के बीच में छोड़ा जाता हैं. और फिर जानवर उन्हें खाते हैं.

Karmo-ka-phal-kaise-milta-h-geeta-sar-ki-saja-sabse-bda-pap (1)

किस कर्म से कौन सी बीमारी होती है          

किस कर्म से कौन सी बीमारी होती हैं. इसके बारे में हमने नीचे जानकारी दी हैं.

  • अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का अपमान करता है या फिर अन्य व्यक्ति को निराश करता हैं. तो ऐसे व्यक्ति को मानसिक पीड़ा का दर्द झेलना पड़ता हैं.
  • अगर किसी व्यक्ति ने चूहे तथा सांप के छेद को बंध किया हैं. किसी जीव को घोटकर मारने का प्रयास किया हैं. तो ऐसे व्यक्ति को अस्थमा तथा निमोनिया आदि रोग हो सकते हैं.
  • जो व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को जहर खिलाकर मार डालता हैं. उस व्यक्ति को सांप तथा बिच्छु आदि काटकर मार डालते हैं.

गीता के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है

गीता के अनुसार किसी भी जीव की हत्या करना सबसे बड़ा पाप माना गया हैं.

पाप का मुख्य कारण क्या है

पाप का मुख्य कारण इच्छा होती हैं. जब किसी मनुष्य की इच्छा पूर्ण नहीं होती हैं. तो वह पाप के रास्ते पर चढ़कर अपनी इच्छा पूर्ण करने की कोशिश करते हैं. और इस प्रकार मनुष्य के हाथ से पाप होता रहता हैं.

Karmo-ka-phal-kaise-milta-h-geeta-sar-ki-saja-sabse-bda-pap (3)

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार अनुसार बताया हैं. इसके अलावा यह भी बताया है की किस कर्म से कौन सी बीमारी होती है तथा गीता के अनुसार सबसे बड़ा पाप क्या है.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह कर्मों का फल कैसे मिलता है गीता सार / कर्मों की सजा कैसे मिलती है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

Shailesh Nagar

Leave a Comment