जमीन पर स्टे लेने में कितना खर्चा आता है – जमीन पर स्टे कितने दिन में मिलता है – जब हमारी जमीन पर कोई अन्य व्यक्ति कब्ज़ा कर लेता हैं. या पर हमारी जमीन पर भवन आदि का निर्माण कर रहा हैं. और हमारी जमीन को खुद की जमीन बता रहा हैं. तो ऐसे में हमे स्टे ऑर्डर लेने की जरूरत पड़ती हैं.
इसके लिए हमे कोर्ट में जाकर एक वाद पत्र प्रस्तुत करना होता हैं. यहां पर स्टे का मतलब रोक तथा ऑर्डर का मतलब निर्माण होता हैं. यानी की रोक वाले निर्माण को ही स्टे ऑर्डर के नाम से जाना जाता हैं.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की जमीन पर स्टे लेने में कितना खर्चा आता है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते है.
जमीन पर स्टे लेने में कितना खर्चा आता है
जमीन पर स्टे लेने में खर्चा जमीन के क्षेत्रफल, स्थान और संगठन आदि पर निर्भर करता हैं. अगर आपकी जमीन का क्षेत्रफल कम या ज्यादा हैं. तो जमीन के क्षेत्रफल पर स्टे का खर्चा निर्भर करता हैं. ज्यादा या कम जमीन होने पर यह खर्चा भी कम और ज्यादा हो सकता हैं. इसके अलावा जमीन किस स्थान पर है. इस पर भी स्टे का खर्चा निर्भर करता हैं.
स्टे का खर्चा कितना हो सकता हैं. यह फिक्स नही होता हैं. स्टे का खर्चा कई बार वकील पर भी निर्भर करता हैं. जैसे की सीनियर वकील या जूनियर वकील स्टे ऑर्डर लेने के लिए कितना चार्ज वसूल करते हैं. इसलिए स्टे का खर्चा इन सभी बातो पर निर्भर करता हैं. इसलिए स्टे का खर्चा कम या ज्यादा हो सकता हैं. स्टे का खर्चा फिक्स नही होता हैं.
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जमीन पर स्टे कितने दिन में मिलता है
जमीन पर स्टे लेने के लिए कोर्ट में एक वाद पत्र प्रस्तुत करना होता हैं. इसके बाद कोर्ट के द्वारा स्टे ऑर्डर की अवधि दी जाती हैं. यानी की कोर्ट के द्वारा ही आपको कोई तिथि या समय दिया जाता हैं. यह समय एक महीने से छह महीने के भीतर का हो सकता हैं. यानी की स्टे मिलने में अधिक से अधिक छह महीने का समय लग सकता हैं.
लेकिन अगर कोर्ट स्टे ऑर्डर की कोई भी अवधि या तिथि, समय नही देता हैं. तो इसका मतलब होता है. की आपका वह स्टे ऑर्डर छह महीने तक मान्य रहने वाला हैं. इसका मतलब यह समझा जा सकता है की कोर्ट आपको अवधि नही देता हैं. तो इस स्थिति में वह आदेश छह महीने तक मान्य रह सकता हैं.
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जमीन पर स्टे लगाने से क्या होता है
अगर आपकी जमीन पर कोई अन्य व्यक्ति अवैध कब्जा करके किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य शुरू करवाता हैं. तो इस स्थिति में आप कोर्ट से स्टे ऑर्डर ले सकते हैं. स्टे ऑर्डर लगने के बाद निर्माण कार्य रोकने का आदेश कोर्ट के द्वारा दिया जाता हैं.
कोर्ट के द्वारा आदेश देने पर निर्माण कार्य रोकना ही पड़ता हैं. जमीन पर स्टे लगने के बाद कोई भी व्यक्ति जमीन पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नही कर सकता हैं.
जमीन पर स्टे लगाने का तरीका
जमीन पर स्टे लगाने के लिए कोर्ट के जज के सामने एक वाद पत्र प्रस्तुत करना होता हैं. वाद पत्र प्रस्तुत करने का कार्य वकील के द्वारा किया जाता हैं. वाद पत्र प्रस्तुत करने के बाद उसकी पैरवी करने का कार्य भी वकील के द्वारा ही किया जाता हैं.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है जमीन पर स्टे लेने में कितना खर्चा आता है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.
हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह जमीन पर स्टे लेने में कितना खर्चा आता है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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