हरिद्वार का पुराना नाम क्या है – हरिद्वार क्यों प्रसिद्ध है

हरिद्वार का पुराना नाम क्या है – हरिद्वार क्यों प्रसिद्ध है – हरिद्वार यानी कि हरि तक पहुंचने का द्वार. हरिद्वार आपमें से काफी लोग गए होंगे. यह देश का धार्मिक स्थल है. जहां सबसे अधिक मंदिर है. मोक्ष की प्राप्ती के लिए भी लोग हरिद्वार जाते है. यह उत्तराखंड में गंगा नदी के तट पर बसा है.

यह देश का पवित्र स्थल माना जाता है. यहां पर सबसे अधिक मंदिर है. इसलिए काफी श्रद्धालू यहां भगवान के दर्शन करने के लिए आते है. लोग यहां की गंगा नदी में डुबकी लगाकर अपने आप को पवित्र करते है. अगर मानो तो हरिद्वार की माया ही कुछ अलग है.

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दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है कि हरिद्वार का पुराना नाम क्या है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुड़ी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले है. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़ें.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते है.

हरिद्वार का पुराना नाम क्या है

हरिद्वार उत्तराखण्ड के गंगा नदी के तट पर मौजूद है. हमारे पुराने प्राचीन ग्रंथों के अनुसार हरिद्वार का पुराना नाम मायापूरी, कपिलस्थान और गंगापुरी है. हरिद्वार का प्राचीन पौराणिक नाम माया या मायापुरी है. पुराने समय में हरिद्धार को इन सभी नामों से जाना जाता था. जो कि अभी वर्तमान में हरिद्वार है. हरिद्वार का शाब्दिक अर्थ हरि तक पहुंचने का द्वार होता है.

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हरिद्वार क्यों प्रसिद्ध है

हरिद्वार प्रसिद्ध होने के पीछे काफी सारी वजह है. जिसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की है.

हरिद्वार प्रसिद्ध होने का सबसे प्रमुख कारण यह है कि यह देश का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यहां की गंगा नदी में डुबकी लगाने से मनुष्य को स्वर्ग की प्राप्ती होती है.

यह देश का वह स्थल है. जहां सबसे अधिक मंदिर है. हर साल देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु हरिद्वार दर्शन के लिए जाते है. काफी लोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी हरिद्वार जाते है.

हरिद्वार उत्तराखण्ड में गंगा नदी के तट पर स्थित है. और यह शहर भी काफी अच्छा माना जाता है. यह शहर हरियाली से भरा और बहुत ही सुंदर है. इस वजह से भी काफी लोग इस जगह जाना पसंद करते है.

तो इन सभी वजहों के कारण हरिद्वार काफी प्रसिद्ध है

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हरिद्वार का इतिहास

प्रकृती प्रेमियों के लिए हरिद्वार स्वर्ग के समान है. हरिद्वार को प्राचीन समय में कपिलस्थल, मायापुरी और गंगापुरी के नाम से जाना जाता था. जिसका जिक्र हमारे पुराने ग्रंथो में देखने को मिलता है. हरिद्वार का पौराणिक नाम माया या मायापुरी है.

ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु और भगवान शिव के अनुयायी हरिद्वार को हरद्वार या हरिद्वार के नाम से पुकारा करते थे.

कुछ पुरानी मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों की शांति के लिए और उनको मोक्ष प्रदान करने के लिए गंगानदी को स्वर्ग से धरती पर उतारा था. इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि स्वयं ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने हरिद्वार को अपनी उपस्थिति में पवित्र किया हुआ है.

हरिद्वार वह जगह है जहां हर छह साल में एक बार अर्ध कुंभ मेला और हर साल में एक बार कुंभ मेला होता है. इस समय देश और विदेश से काफी लोग कुंभ मेले में शामिल होते है.

ऐसा माना जाता है कि हर की पैडे के ब्रह्म कुंड में अमृत की बूंदे गिरती है. इस समय ब्रह्म कुंड में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि अमृत वाले ब्रह्म कुंड में स्नान करने से मनुष्य के पाप कटते है.

गंगा नदी की पहाड़ियों से मैदान तक के सफर में हरिद्वार पहला मुख्य स्थल माना जाता है. इस वजह से इस स्थल का पानी काफी अधिक शांत और साफ है. आज के समय में हरिद्वार सिर्फ धार्मिक स्थल ही नही बल्कि आधुनिक सभ्यता का स्थान भी माना जाता है.

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निष्कर्ष    

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की हरिद्वार का पुराना नाम क्या है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह हरिद्वार का पुराना नाम क्या है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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