हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है – सम्पूर्ण जानकारी

हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी हैसम्पूर्ण जानकारी – इस कलयुग के जमाने में हनुमान जी जाग्रत देवता माने जाते हैं. अर्थात इस पृथ्वीलोक पर हमारे आसपास हनुमान जी मौजूद हैं. हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं. जो सबसे जल्दी प्रसन्न भी हो जाते हैं. और भक्तो की मनोकामना भी जल्दी पूरी करते हैं.

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हिंदू सनातन धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी का माना गया हैं. इस दिन भक्त हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते हैं. लेकिन हनुमान जी के काफी स्वरूप हैं. जिसमें से किस रूप की पूजा करना सबसे फलदायी माना जाता हैं. इस बारे में शायद ही कुछ लोग जानते हैं.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है. इसके अलावा हनुमान जी की पूजा के नियम तथा हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम भी आपको बताने वाले हैं. इसके अलावा इस टॉपिक से संबंधित अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. इसलिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है

वैसे तो हनुमान जी के अनेक रूप हैं. लेकिन पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करना सबसे अधिक फलदायी माना जाता हैं. पंचमुखी हनुमान जी के इस स्वरूप में उत्तर दिशा की तरफ वराह रूप, दक्षिण दिशा में नरसिंह रूप, पूर्व दिशा में हनुमान मुख, पश्चिम दिशा में गरुड मुख तथा आकाश की ओर हयग्रीव मुख हैं.

हनुमान जी की पूजा के नियम

हनुमान जी की पूजा के कुछ नियम हमने नीचे बताए हैं.

  • हनुमान जी की पूजा आप सुबह या शाम के समय कर सकते हैं.
  • हनुमान जी की पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले पुष्प लाल रंग के होने चाहिए.
  • हनुमान जी के लिए जो भी दीपक जलाया जाता है. उसमें लाल बाती का इस्तेमाल करना जरूरी हैं.
  • अगर आप हनुमान जी का कोई धार्मिक अनुष्टान करना चाहते हैं. तो मंगलवार के दिन करना अतिशुभ माना जाता हैं.
  • हनुमान जी की साधना करने के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना जरूरी हैं. तथा मन में कामुक विचार आने से बचाए.
  • मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने वाले जातक को मांस तथा मदिरा से दूर रहना चाहिए.
  • हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का इस्तेमाल करना वर्जित माना गया हैं.
  • हनुमान जी की पूजा के दौरान महिलाओं को हनुमान जी की प्रतिमा को स्पर्श नहीं करना चाहिए.
  • हनुमान जी के लिए जो भी भोग बनाया जाए. वह शुद्ध घी से ही बना हुआ होना चाहिए.

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हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम

हनुमान चालीसा पढने का सही नियम और तरीका हमने नीचे बताया हैं.

  • हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए मंगलवार के दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान आदि कर ले.
  • स्नान आदि करने के पश्चात साफ वस्त्र धारण करे.
  • अब किसी लकड़े के बाजोट पर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करे.
  • हनुमान चालीसा का पाठ शुरू करने से पहले भगवान गणेश की आराधना जरुर करे.
  • भगवान गणेश की आराधना करने के बाद भगवान राम तथा माता सीता का ध्यान धरे.
  • इसके पश्चात हनुमान जी को हाथ जोड़कर हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए संकल्प ले.
  • अब हनुमान जी की प्रतिमा के सामने धुप-दीप आदि जलाए.
  • इसके बाद हनुमान जी को लाल रंग के पुष्प अर्पित करे.
  • अब आप हनुमान चालीसा का पाठ करने की शुरुआत करे.
  • हनुमान चालीसा का पाठ पूर्ण होने के पश्चात भगवान राम का स्मरण करे.
  • यह सभी प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के पश्चात हनुमान जी को बूंदी के लड्डू, पंजीरी तथा फलों का भोग लगाए.
  • अंत में प्रसाद परिवार वाले तथा लोगो में बांट ले.

हनुमान जी की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए / हनुमान जी की पूजा का सही समय

हनुमान जी की पूजा आप सुबह 5 बजे से लेकर दुपहर 12 बजे के बीच कर सकते हैं. और शामको 5 बजे के बाद 7 बजे के पहले कर सकते हैं. हनुमान जी की पूजा का पुराने शास्त्रों में यही सही समय बताया गया हैं.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है. इसके अलावा हनुमान जी की पूजा के नियम तथा हनुमान चालीसा पढ़ने के नियम भी आपको बताए हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है / हनुमान जी की पूजा के नियम आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

Shailesh Nagar

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