धारा 107 कब लगती है – धारा 107 में जमानत कैसे मिलती है

धारा 107 कब लगती है – धारा 107 में जमानत कैसे मिलती है – भारतीय दंड संहिता में विभिन्न प्रकार की काफी सारी धाराएं बनाई गई हैं. जो व्यक्ति जैसा अपराध करता हैं. उस हिसाब से उस व्यक्ति पर धाराएं लगाई जाती हैं. और अपराधी को धारा के अनुसार दंडित किया जाता हैं.

भारतीय दंड संहिता में धारा 107 भी बनाई गई हैं. जिसके बारे में आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह महत्वपूर्ण जानकारी को पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

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दोस्तों आज हम आपको बताने वाले है की धारा 107 कब लगती है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

धारा 107 कब लगती है / धारा 107 में क्या होता है

धारा 107 दुष्प्रेरण से संबंधित धारा हैं. दुष्प्रेरण का मतलब होता हैं. किसी व्यक्ति को कुछ कार्य करने के लिए उकसाना. वैसे तो किसी व्यक्ति को कोई भी कार्य करने के लिए उकसाना कोई गलत बात नहीं हैं.

लेकिन अगर कोई व्यक्ति गलत कार्य कर रहा हैं. किसी भी कार्य में गैर क़ानूनी तत्व आ रहा हैं. और ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को उकसा रहा हैं. तो उकसाने वाले व्यक्ति के खिलाफ धारा 107 लगाई जाती हैं.

अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को षडयंत्र करने के लिए उकसाता हैं. उस षडयंत्र में अन्य व्यक्ति को सम्मलित करने की कोशिश करता हैं. या फिर लोगो को सम्मलित कर लेता हैं. तो यह सभी दुष्प्रेरण की श्रेणी में आता हैं. ऐसे इस प्रकार के दुष्प्रेरण के लिए धारा 107 लगाई जाती हैं.

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धारा 107 में जमानत कैसे मिलती है

किसी व्यक्ति पर धारा 107 लगने के बाद जमानत मिल पाना बहुत ही मुश्किल काम होता हैं. क्योंकि भारतीय दंड संहिता के अनुसार यह भी बहुत बड़ा अपराध माना जाता हैं. अगर आप धारा 107 लगने के बाद जमानत चाहते हैं. तो आपको एक अच्छा सा वकील रोकना होगा.

वकील आपकी स्थिति और कागजात आदि देखकर कोर्ट में कार्यवाही करके आपको जमानत दिलवा सकते हैं. लेकिन अगर आपके खिलाफ बहुत बड़ा दुष्प्रेरण लगा हैं. आपने दुष्प्रेरण के तहत बहुत बड़ा गुनाह कर लिया हैं. तो ऐसी स्थिति में आपको जमानत मिलने में समय भी लग सकता हैं.

इसलिए धारा 107 लगने के बाद आपके वकील आपको कैसे बचा सकते हैं. यह सभी आपके वकील पर निर्भर करता हैं. लेकिन अगर आप धारा 107 में जमानत पाना चाहते हैं. तो आपको वकील रोककर ही जमानत मिल सकती हैं.

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धारा 107 में क्या सजा है

धारा 107 में आपको कारवास यानी जेल की सजा हो सकती हैं. यह आपके गुनाह पर निर्भर करता है की आपने कितना बड़ा गुनाह किया हैं. आपने जितना बड़ा दुष्प्रेरण का गुनाह किया होगा. उतनी अधिक जेल की सजा हो सकती हैं. इसके अलावा आपको जुर्माना भी भरना पड़ सकता हैं.

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धारा 107 में वकील की जरूरत क्यों होती है

जो अपराधी दुष्प्रेरण करता है. उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 107 लगाई जाती हैं. दुसरे गुनाह की तरह यह भी गुनाह बहुत ही बड़ा गुनाह माना जाता हैं. अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ धारा 107 लगती हैं. तो उसे जमानत मिल पाना काफी कठिन काम होता हैं. यह बहुत बड़ा अपराध होने की वजह से इससे बच पाना मुश्किल हैं.

किसी व्यक्ति के खिलाफ यह धारा लगने के बाद उस व्यक्ति को निर्दोष साबित कर पाना बड़ा ही कठिन काम होता हैं. ऐसे में धारा 107 लगने पर वकील की जरूरत पड़ती हैं. जो कोर्ट में आपको निर्दोष साबित करने की कोशिश कर सके.

अगर आप किसी निपुण और अनुभवी वकील रोकते हैं. तो शायद वह आपको इस अपराध से जल्दी मुक्ति भी दिलवा सकते हैं.

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निष्कर्ष                             

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है की धारा 107 कब लगती है. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह धारा 107 कब लगती है आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

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