बेटी की विदाई किस दिन करनी चाहिए – मायके से अचार क्यों नहीं लेना चाहिए

बेटी की विदाई किस दिन करनी चाहिए – मायके से अचार क्यों नहीं लेना चाहिए – धार्मिक शास्त्रों में बेटी की विदाई को लेकर काफी सारे रीति रिवाज बताए गए हैं. हमारे धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अगर बेटी की विदाई सही समय और सही दिन को की जाए. तो यह शुभ माना जाता हैं.

लेकिन अगर बेटी की विदाई सही समय और दिन को ना की जाए. तो यह अशुभ माना जाता हैं. इसलिए हमे भी हमेशा ही बेटी की विदाई सही समय करनी चाहिए.

Beti-ki-vidaee-kis-din-karni-chahie (1)

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की बेटी की विदाई किस दिन करनी चाहिए. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

बेटी की विदाई किस दिन करनी चाहिए

अगर आप बेटी की विदाई कर रहे हैं. तो आपको बेटी की विदाई बुधवार या शनिवार के दिन करनी चाहिए. यह दोनों दिन बेटी की विदाई के लिए शुभ माने जाते हैं. ज्योतिष  शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है की शुक्र ग्रह का संबंध महिलाओं के साथ होता हैं. इसलिए महिलाओं की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होना जरूरी होता हैं.

ज्योतिष के अनुसार बुध और शनि का शुक्र के साथ अच्छा संबंध माना जाता हैं. यानी की दोनों ही शुक्र के मित्र ग्रह माने जाते हैं. इसलिए बेटी की विदाई बुध या शनिवार के दिन करना अच्छा माना जाता हैं.

इसके अलावा आप शुक्रवार के दिन भी बेटी की विदाई कर सकते हैं. इस दिन बेटी की विदाई करना शुभ माना जाता हैं. अगर आप इस दिन बेटी की विदाई करते हैं. तो बेटी को सुख की प्राप्ति होती हैं. और उसकी सभी प्रकार की इच्छा पूर्ण होती हैं.

चींटी भगाने का मंत्र तथा विधि – जाने शास्त्रों के तरीके और विधि विस्तार में

किस दिन मायके से ससुराल नहीं जाना चाहिए

हिंदी तिथि के अनुसार महिलाओं को नौवी के दिन मायके से ससुराल नही जाना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चतुर्थी और अष्टमी के दिन मायके से ससुराल जाना शुभ माना जाता हैं. इसलिए काफी महिलाएं इस दिन मायके से ससुराल जाती हैं. लेकिन ससुराल से मायके जाने में नौवी का दिन शुभ माना जाता हैं.

अगर आप चतुर्थी या अष्टमी के दिन मायके से ससुराल जाते हैं. तो आपको पांच दिन अधिक समय बीता कर वही पर रहना चाहिए. और नौवी के दिन मायके ससुराल जाना चाहिए. इसके अलावा आप पूर्णिमा या एकादशी के दिन भी मायके से ससुराल जा सकती हैं. यह दिन भी मायके से ससुराल जाने के लिए शुभ माने जाते हैं.

Beti-ki-vidaee-kis-din-karni-chahie (2)

मायके से अचार क्यों नहीं लेना चाहिए

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बेटी को मायके से ससुराल में अचार लेकर नही जाना चाहिए. ऐसा माना जाता है की मायके से ससुराल में अचार लेकर जाने से बेटी ससुराल में सुखी नही होती हैं. और उसके पारिवारिक रिश्तो में मनमुटाव उत्पन्न होता हैं.

ऐसा करने से बेटी के ससुराल में झगड़े आदि होते हैं. और बेटी के जीवन में परेशानियां उत्पन्न होती हैं. इसलिए मायके से अचार नही ले जाना चाहिए.

गायत्री मंत्र के 13 गुप्त उपाय – सवा लाख गायत्री मंत्र का प्रभाव

बेटी को दहेज में क्या नहीं देना चाहिए?

कुछ माता पिता अपनी बेटी को दहेज़ में उपहार के रूप में कुछ ना कुछ देते हैं. ऐसे में कुछ चीज़े होती हैं. जो बेटी को दहेज़ में नही देनी चाहिए. जैसे की बेटी को दहेज़ में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति नही देनी चाहिए. इससे बेटी की सुख शांति पर गहरा असर पड़ता हैं.

इसके अलावा बेटी को दहेज़ में आचार, लाल मिर्च तथा नमक देने से भी बचना चाहिए. बेटी को यह सभी वस्तु दहेज़ में देने से उसके ससुराल में पारिवारिक खटास उत्पन्न होती हैं. और ससुराल में झगड़े आदि होना शुरू हो जाते हैं. इसलिए बेटी को दहेज़ में इन सभी वस्तु को देने से बचना चाहिए.

Beti-ki-vidaee-kis-din-karni-chahie (3)

गुप्त धन कैसे खोजे – गुप्त धन मिलने के योग

निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है बेटी की विदाई किस दिन करनी चाहिए. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.

हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.

दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह बेटी की विदाई किस दिन करनी चाहिए आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

पत्नी पति के बिना कितने दिन रह सकती है / पत्नी मायके क्यों जाती है 

2 दिन के लिए घूमने की जगह खोजो ऐसे

हाथ के नाख़ून पर सफ़ेद निशान का मतलब होता है 

Leave a Comment