बकरी की बीमारी का घरेलू इलाज – सम्पूर्ण जानकारी

बकरी की बीमारी का घरेलू इलाज – सम्पूर्ण जानकारी – बकरी को गरीबों की गाय के समान माना जाता हैं. हर पशुपालक गाय या भैस नहीं पाल सकते हैं. उनके लिए बकरी एक अच्छी आय देने वाला पशु माना जाता हैं. बकरी पालन में खर्चा भी कम आता हैं. इसलिए काफी पशुपालक बकरी को पालना पसंद करते हैं. लेकिन जब बकरी बीमार हो जाती हैं. तो यह पशुपालक भाइयों के लिए चिंता का विषय बन जाता हैं.

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क्योंकि बकरी बीमार पड़ने पर दूध उत्पादन कम हो जाता हैं. और इस वजह से पशुपालक के मुनाफे में कमी आ जाती हैं. आज हम बकरी बीमार होने के कुछ घरेलू इलाज आपको बताएगे. जो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं. इसलिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बकरी की बीमारी का घरेलू इलाज बताने वाले हैं. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.

बकरी की बीमारी का घरेलू इलाज            

बकरी को होने वाली कुछ बीमारी तथा उपचार के बारे में हमने नीचे संपूर्ण जानकारी प्रदान की हैं.

बकरी में होने वाली आंत्राविशक्तता बीमारी

यह बीमारी बकरी में बार-बार होने वाली बीमारी हैं. इस बीमारी में बकरी को पेट में असहनीय दर्द होता हैं. इस वजह से बकरी जमीन पर ही पड़ी रहती हैं. अगर चार से पांच घंटे के अंदर इस बीमारी का इलाज न किया जाए. तो बकरी की मृत्यु हो सकती हैं.

इस बीमारी के निवारण के लिए टेंटा साइकिलिन पाउडर तथा पांच ग्राम जितना खाने का सोडा पानी में मिश्रित करके घोल बनाकर बकरी को दिन में दो से तीन बार पिलाए. तथा इन्टेरोक्सिमिया का टिका लगवाए. इतना उपचार करने पर आपकी बकरी बिलकुल ठीक हो जाएगी.

बकरी में होने वाली प्लेग बीमारी

बकरी में होने वाली प्लेग बीमारी बकरी को मौत भी दे सकती हैं. बकरी में होने वाली यह बीमारी संक्रमण के कारण होती हैं. यह बीमारी एक बकरी से बाड़े में मौजूद अन्य बकरी को भी संक्रमित कर सकती हैं. इसलिए किसी भी एक बकरी को प्लेग की बीमारी होने पर उसका तुरंत उपचार करना जरूरी बन जाता हैं.

बकरी में होने वाली कुछ बीमारी का घरेलू इलाज नहीं होता हैं. उसका इलाज टिका लगवाकर ही करना पड़ता हैं. अगर बकरी को प्लेग की बीमारी हो गई हैं. तो सबसे पहले बकरी को अन्य बकरी से दूर कर ले. अन्यथा दूसरी बकरियां भी इस बीमारी की चपेट में आ सकती हैं.

प्लेग की बीमारी होने पर घरेलू इलाज करने की बजाय जल्दी से जल्दी पी.पी. आर का टिका लगवा ले. ताकि आपकी बकरी को तुरंत आराम मिले और मौत से बच सके.

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बकरी में होने वाली मुंहपका बीमारी

यह बीमारी एक बकरी से दूसरी बकरी में हवा के माध्यम से, एक साथ चारा खाने से तथा रोगी बकरी के साथ प्रदूषित पानी पीने से होती हैं. इस बीमारी में बकरी के थन, मुंह, पैर, जीभ आदि जगह पर छाले पड़ जाते हैं. इस वजह से बकरी खाना भी अच्छे तरीके से नहीं खा सकती हैं. तथा दूध देने भी कमी आती हैं.

अगर बकरी को मुंहपका बीमारी हुई हैं. तो बकरी को अधिक से अधिक नरम भोजन देना चाहिए. जिससे वह भोजन को आसानी से खा सके. प्रभावित जगह पर हल्दी का थोडा थोडा लेप लगाना चाहिए. इससे छाले धीरे धीरे कम होने लगते हैं.

इसके अलावा आप दर्द निवारक कोई दवा भी दे सकते हैं. क्योंकि छालो में दर्द होने के कारण वह जल्दी मिटते नहीं हैं. छालो तथा घाव को गंदगी से दूर रखे. तथा बार-बार धोते रहे. ऐसा करने पर मुंहपका बीमारी का धीरे-धीरे निवारण हो जाता हैं.

बकरी में होने वाली पाचन संबंधित बीमारी

अगर बकरी का पाचन खराब होता हैं. तो उसके भूख में कमी आती हैं. और चारा तथा भोजन लेना बंध कर देती हैं. अगर पाचन से संबंधित बीमारी उत्पन्न होती हैं. तो दस ग्राम जितनी काली मिर्च में लहसुन मिलाकर पानी में भिगोकर खिला दे. इससे बकरी की पाचन शक्ति में सुधार होगा. और भूख में बढ़ोतरी होगी.

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निष्कर्ष

दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बकरी की बीमारी का घरेलू इलाज बताया हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह जानकारी पहुंच सके.

हम आशा करते है की आपको हमारा यह बकरी की बीमारी का घरेलू इलाज आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद

Shailesh Nagar

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