आदि गुरु शंकराचार्य की मृत्यु कैसे हुई | शंकराचार्य की मृत्यु कहाँ हुई थी? – आदि गुरु शंकराचार्य का नाम तो आप सभी लोगो ने सुना ही होगा. यह हिन्दू धर्म के बहुत बड़े गुरु और माने जाते हैं. इन्होने हिन्दू धर्म की विभिन्न धाराओ को एकजुट और स्थापित किया हैं. यह बहुत बड़े धर्मशास्त्री थे. जिनका जन्म 8वी सदी में हुआ था.
इन्होने लोगो को धर्म के रास्ते पर चलाना सिखाया और धार्मिक कुरीतियों का विरोध किया. ऐसा माना जाता है की आदि गुरु शंकराचार्य बचपन से ही विद्वान थे. और भगवान की भक्ति में मानते थे.
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है की आदि गुरु शंकराचार्य की मृत्यु कैसे हुई. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान करने वाले हैं. तो यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी को पाने के लिए आज का हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े.
तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
आदि गुरु शंकराचार्य की मृत्यु कैसे हुई
ऐसा माना जाता है की आदि गुरु शंकराचार्य की मृत्यु हुई तब उनकी उम्र महज 32 वर्ष की थी. उत्तराखंड केदारनाथ में एक हिमालय का क्षेत्र है. वही पर आदि गुरु शंकराचार्य की मृत्यु हुई थी.
आदि गुरु शंकराचार्य के कुछ शिष्यों और हमारे कुछ पुराने धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है की मृत्यु के समय आदि गुरु शंकराचार्य उत्तराखंड के केदारनाथ में हिमालय क्षेत्र में आखिरी बार दिखाई दिए थे. इसी जगह पर आदि गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन हुए थे.
लेकिन कुछ धार्मिक ग्रंथो में आदि गुरु शंकराचार्य की मृत्यु केरल या तमिलनाडु में बताई जा रही हैं. धर्म शास्त्रों के अनुसार इस स्थल पर आदि गुरु शंकराचार्य ब्रह्मलीन हुए थे. ऐसा भी माना जाता हैं.
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आदि शंकराचार्य की मृत्यु कितनी आयु में हुई
हमारे पुराने धार्मिक शास्त्रों के अनुसार आदि शंकराचार्य की मृत्यु महज 32 वर्ष की आयु में हुई थी.
शंकराचार्य की मृत्यु कहाँ हुई थी?
हमारे पुराने धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है की उत्तराखंड के केदारनाथ में स्थित हिमालय क्षेत्र में उनकी मृत्यु हुई थी. जबकि कुछ धार्मिक शास्त्रों में ऐसा भी बताया गया है की शंकराचार्य की मृत्यु केरल और तमिलनाडू के आसपास के क्षेत्र में हुई थी.
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आदि गुरु शंकराचार्य के बारे में कुछ रोचक तथ्य और महत्वपूर्ण बाते
आदि गुरु शंकराचार्य के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बाते हमने नीचे बताई हैं.
- आदि गुरु शंकराचार्य ने देश के जाने माने धार्मिक स्थल बद्रीनाथ, द्वारिका, रामेश्वरम और जगन्नाथ की स्थापना की थी.
- ऐसा माना जाता है की आदि गुरु शंकराचार्य ने महज 32 साल की आयु में केदारनाथ के एक हिमालय क्षेत्र में समाधी ली थी.
- ऐसा माना जाता है की आदि गुरु शंकराचार्य मलयालम भाषा अच्छे से जानते थे. सिर्फ तीन वर्ष की आयु में आदि गुरु शंकराचार्य के पिता की मृत्यु हो गई थी. और महज तीन साल की आयु में ही आदि गुरु शंकराचार्य ने मलयालम भाषा का ज्ञान प्राप्त कर लिया था.
- आदि गुरु शंकराचार्य ने बहुत बड़े विद्वान माने जाते थे. उन्होंने बहुत ही कम उम्र में भारत की चारो दीक्षा में भ्रमण कर लिया था. और भ्रमण करके मुख्य चार पीठ की स्थापना की थी. जिसे आज भी चार धाम यात्रा के नाम से जाना जाता हैं.
- आदि गुरु शंकराचार्य ने लोगो को धार्मिक राह पर चलने की राह दिखाई थी. तथा भारत में होने वाली कुरीतियों का विरोध किया था.
- आदि गुरु शंकराचार्य ने सिर्फ आठ साल की आयु में सभी वेदों का ज्ञान प्राप्त कर लिया था. अहर सिर्फ 12 वर्ष की आयु में सभी शास्त्रों का अध्ययन प्राप्त कर लिया था.
- ऐसा माना जाता है की सिर्फ 16 साल की उम्र में आदि गुरु शंकराचार्य ने 100 से अधिक धार्मिक ग्रंथो की रचना कर दी थी.
- आदि गुरु शंकराचार्य ने हिन्दू धर्म का प्रचार प्रसार करने में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया. आदि गुरु शंकराचार्य ने देश के चारो कोनो में मठों की स्थापना की थी. जिसे आज के समय में भी शंकराचार्य मठ के नाम से जाना जाता हैं.
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताया आदि गुरु शंकराचार्य की मृत्यु कैसे हुई. इसके अलावा इस टॉपिक से जुडी अन्य और भी जानकारी प्रदान की हैं.
हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके.
दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह आदि गुरु शंकराचार्य की मृत्यु कैसे हुई / शंकराचार्य की मृत्यु कहाँ हुई थी? आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद
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